
वाराणसी की अदालत ने हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल किए ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में वैज्ञानिक सर्वे के निर्देश देने वाली याचिका पर फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने कहा कि वजूखाना को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे होगा. मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी. इस मामले में 14 जुलाई को सभी पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है. जिसके बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.
हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में कथित शिवलिंग मिला है. वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि पुराना पड़ा फव्वारा है.
इससे पहले 6 जुलाई को, ज्ञानवापी मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि वह हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करे. जिसमें एएसआई को पिछले साल एक वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाए गए “शिवलिंग” की कार्बन डेटिंग सहित “वैज्ञानिक सर्वेक्षण” करने का निर्देश दिया गया था.
कार्बन डेटिंग पर भी लगी है रोक
ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेटिंग के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगाई है. कोर्ट ने कहा- इस मामले में संभलकर चलने की जरूरत है. हाईकोर्ट के आदेश की बारीकी से जांच करनी होगी.
मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की तरफ से वकील हुजेफा अहमदी ने यह याचिका दायर की. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और केवी विश्वनाथन की पीठ ने इसकी सुनवाई की.