Set Back For Online Industry, Revenue Secretary Says, GST Council Decision Will Not Be Withdrawn – ऑनलाइन इंडस्ट्री को झटका, राजस्व सचिव बोले



साथ ही हाल ही में गेमिंग इंडस्ट्री में उतरे भारतपे के संस्थापक अश्नीर ग्रोवर ने भी ट्वीटर के माध्यम से सरकार पर हमला किया था. उन्होंने बताया था कि किस प्रकार नई कर दर इंडस्ट्री के लिए नुकसानदायक है.

मुद्दे पर हो रहे बवाल के बीच एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​​​ने साफ कर दिया है कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने के जीएसटी परिषद के फैसले को वापस नहीं लिया जाएगा.

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने एनडीटीवी को बताया कि जीएसटी परिषद की कानून समिति और फिटमेंट समिति वर्तमान में इस बात की जांच कर रही है कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी कैसे लगाया जाना चाहिए. क्या 28% जीएसटी प्रवेश स्तर (Entry level) पर लगाया जाना चाहिए या हर शर्त (Every bet) पर.

एक बार जब जीएसटी परिषद की कानून समिति और फिटमेंट समिति ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी कैसे लगाया जाना चाहिए, इस पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, तो जीएसटी परिषद अंतिम निर्णय लेगी. राजस्व सचिव ने कहा कि जल्द ही निर्णय होने की उम्मीद है.

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ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर

उन्होंने कहा कि GST काउंसिल में ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लगाने का फैसला सभी राज्यों की सर्व- सहमति से लिया गया है.

ऑनलाइन गेमिंग पर फेस वैल्यू पर 28% GST लगाने के लिए फेस वैल्यू का निर्धारण कैसे किया जाए इस पर जीएसटी काउंसिल की 2 कमिटी , लॉ कमेटी और फिटमेंट कमेटी है . 28% GST जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी हैं, उन्होंने इस पर वार्ता की है.

उस पर विचार करने के बाद वह अपनी सिफारिश जीएसटी काउंसिल के सामने रखेंगे और फिर जीएसटी काउंसिल फैसला करेगा कि क्या 28% GST एंट्री लेवल पर होना चाहिए जैसा कि गेमिंग इंडस्ट्री चाहती है या फिर जीएसटी हर बेट पर लगाया जाए, जिसमें टोकन के रूप में या Chips के रूप में गेमिंग कंपनी प्लेटफार्म देती है.

GGR पर जीएसटी नहीं लगेगा क्योंकि इससे जीएसटी काफी कम कलेक्ट होगा.

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के बयान पर

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के इस मुद्दे पर बात करने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि MEITY से लिखित रूप में अभी तक हमारे सामने कोई प्रस्ताव नहीं आया है. अगर कोई भी गेम है कानूनी तौर पर अगर वैध नहीं है तो वह अवैध माना जाएगा. जब ऑनलाइन गेम में मनी इनवॉल होता है और लोग stake के लिए खेलते हैं तो उन खेलों पर 28 फ़ीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव है.

आम तौर पर गेम्स पर 28 फ़ीसदी जैसी लगाने का कोई फैसला नहीं है, अगर आप चेस खेल रहे हैं तो उस पर 18 परसेंट ही GST लगेगा.

लेकिन जहां stakes शामिल होते हैं या फिर टाइमपास के लिए और पैसे के लिए आप खेल रहे हैं तो वह खेल नहीं रह गया, वह सिर्फ एक टाइम पास रह गया.

जीएसटी काउंसिल की यह सोच है कि इस तरह की गेम है पर 28% GST होना चाहिए. बेहतर होगा कि लोग इस तरह की गेम कम खेलें. यह एडिक्टिव है. लोग दूसरे तरह के जो स्पोर्ट्स हैं वह खेले तो बेहतर होगा.

एक लाख आयकर नोटिस पर

एक लाख आयकर रिटर्न फाइल करने वाले लोगों को नोटिस भेजे जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जो करदाता है अभी अपना रिटर्न भर रहे हैं वह अपनी AIS और TIS सही तरीके से भरे.

जिन करदाताओं ने अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी कमाई सही तरीके से नहीं दिखाई है तो हम उन्हें दो नोटिस जारी करते हैं, उन्हें मौका देते हैं कि वह सही तरीके से अपनी कमाई को दिखाएं. हम टैक्स चोरी पर अंकुश लगाना चाहते हैं.

जीएसटी इनवॉयस के फर्जीवाड़े पर

जीएसटी इनवॉयस और फ्राड के मुद्दे पर संजय मल्होत्रा का कहना है कि 1.15 लाख करोड़ की जो जीएसटी टैक्स की चोरी का आंकड़ा है यह सेंट्रल एजेंसी ने इकट्ठा किया है. इसके अलावा राज्य सरकारों की जो एजेंसी और विभाग हैं उन्होंने भी अपने स्तर पर कार्यवाही की है. GST चोरी का जो आंकड़ा है वह इससे भी ज्यादा हो सकता है. जीएसटी की चोरी कुल टैक्स कलेक्शन का 1 से 3 फ़ीसदी तक हो सकती है.

उनका कहना है कि पिछले साल हमने 18 लाख करोड़ के आसपास टैक्स कलेक्शन किया था और अब तक सेंट्रल एजेंसियों ने पिछले 3 साल में 1,15,000 करोड़ की जीएसटी की चोरी पकड़ी है.

 

जबरन लोन वसूली पर

निर्मला सीतारमण के बैंक और एजेंसियों के द्वारा जबरन लोन रिकवरी वाले बयान के मुद्दे पर संजय मल्होत्रा ने कहा कि लोन रिकवरी के लिए शक्ति का इस्तेमाल अच्छी नहीं है. वित्त मंत्री ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह ऐसी किसी भी सख्त कोशिशों से बचें. उन्होंने कहा कि मेरी नजर में बैंकों और लोन देने वाली एजेंसियों को ऐसी किसी भी पहल से बचना चाहिए.

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड पर

अंतरराष्ट्रीय कार्ड पर एलआरएस वाले मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा और इलाज के लिए चिकित्सा के लिए अगर आप विदेश जा रहे हैं तो इसमें मौजूदा नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. नियमों में बदलाव सिर्फ सात लाख से ऊपर की सीलिंग में किया गया. इन LRS मामलों में टैक्स की चोरी का अंदेशा काफी ज्यादा था. इसीलिए नियमों को और कारगर बनाया गया है.

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