Sacked Rajasthan Minister Rajendra Singh Gudha Marshalled Out Of Assembly After Taking On Ashok Gehlot



दिनभर चले हंगामे के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिह गुढ़ा और बीजेपी विधायक मदन दिलावर को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने पारित कर दिया. गुढ़ा और दिलावर को विधानसभा की बची हुई अवधि के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया गया. जब गुढ़ा सदन से बाहर नहीं गए, तो उनके लिए मॉर्शल बुलाना पड़ा. अब वे विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे. उन्हें विधायक के तौर पर मिलने वाली सुविधाएं भी फ्रीज रहेंगी.

फाड़ दी गई लाल डायरी

दरअसल, अशोक गहलोत मंत्रिमंडल से बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा सोमवार सुबह विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंचे थे. उनके हाथ में एक ‘लाल डायरी’ थी, जिसे वो सदन में पेश करना चाहते थे. स्पीकर सीपी जोशी ने इसकी इजाजत नहीं दी. गुढ़ा का आरोप है कि सदन में उनके साथ धक्का-मुक्की हुई. उनके हाथ से ‘लाल डायरी’ छीनी गई. NDTV से बातचीत में गुढ़ा ने बताया, ‘आधी डायरी फाड़ दी गई. मेरे पास सिर्फ आधा हिस्सा बचा है.’ 

मार्शल बुलाकर सदन से निकलवाया

संसदीय कार्यमंत्री धारीवाल गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव रख रहे थे. दोनों में तकरार बढ़ने पर कांग्रेस विधायक रफीक खान बीच में आ गए. इस बीच, रफीक और गुढ़ा के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई हो गई. इसके बाद स्पीकर ने गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने के आदेश दिए और मार्शल बुलाकर उन्हें सदन से निकलवा दिया. 

सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए गुढ़ा रो पड़े. उन्होंने कहा- ‘सदन में उन्हें बोलने नहीं दिया गया. कांग्रेसी मंत्रियों-विधायकों ने मारपीट की, धक्का दिया और घसीटकर बाहर निकाला है. इस पर स्पीकर सीपी जोशी को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.’

यह है पूरा मामला?

दरअसल, ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए गुढ़ा ने राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में बहस के दौरान अपनी सरकार को घेरा था. उन्होंने कहा कि मणिपुर के बजाय कांग्रेस सरकार को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. सदन में हुई किरकिरी के बाद सरकार और पार्टी दोनों स्तर पर एक्शन शुरू हुआ और गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया. 

बर्खास्तगी के बाद गुढ़ा ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि वह सोमवार को सदन में बड़े खुलासे करेंगे. उसी के तहत आज वह लाल डायरी लेकर विधानसभा कार्यवाही में पहुंचे थे. लेकिन उनका आरोप है कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और सदन की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया गया.

हंगामे के बीच तीन विधेयक पारित

दोपहर दो बजे बाद दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो सारे घटनाक्रम को लेकर विपक्ष ने हंगामा कर दिया. बीजेपी विधायक वेल में आ गए और लाल डायरियां लहराने लगे. थोड़ी देर तक हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही जारी रही. इस बीच, शोर-शराबा बढ़ने पर एक घंटे के लिए दोबारा रोक दी गई. विधानसभा की कार्यवाही साढ़े तीन बजे फिर शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा. इस बीच तीसरी बार कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. वहीं, हंगामे के बीच विधानसभा में तीन बिल पारित हुए.

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