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ईडी का फुल फॉर्म, क्या है, काम क्या है | ED Kya Hai
ईडी का फुल फॉर्म, क्या है, काम क्या है | ED Kya Hai – इस आर्टिकल में हम आपको ईडी के बारे में पूरी जानकारी देंगे। ईडी का फुल फॉर्म क्या होता है ईडी का मतलब क्या होता है ईडी क्या है और यह क्या काम आता हे सभी बातो को हम इस आर्टिकल में कवर करने वाले है तो आर्टिकल को पूरा पदियेगा ईडी की जानकारी हासिल करने के लिए।
ईडी का फुल फॉर्म हिंदी में | ED Full Form in Hindi –
ईडी का फुल फॉर्म होता है इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट ( Enforcement Directorate ) या डाइरेक्टरेट जनरल ऑफ़ इकोनॉमिक इंफोर्समेंट ( Directorate General of Economic Enforcement ) और इसको हिंदी में कहा जाता है प्रवर्तन निदेशालय और आर्थिक प्रवर्तन महानिदेशालय । ईडी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन आने वाली एक वित्तीय जांच एजेंसी होती है जिसका मुख्य कार्यालय दिल्ली में उपस्थित है। ईडी के पाँच क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई, चेन्नै, चंडीगढ़, कोलकाता और दिल्ली में उपस्थित है
ईडी क्या होता है | ED Kya Hai in Hindi –
ED प्रवर्तन निदेशालय भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक खुफिया एजेंसी और आर्थिक मामलों से लड़ने के लिए एक कानून प्रवर्तन एजेंसी है। प्रवर्तन निदेशक, इसके प्रमुख है। यह Indian Revenue Service, Indian Corporate Law Service, Indian Police Service और Indian Administrative Service के अधिकारियों से बनाया गया है। निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय जैसे हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद, बंगलौर, चंडीगढ़, चेन्नई, कोच्ची, दिल्ली, पणजी, गुवाहाटी, पटना तथा श्रीनगर हैं। जिनके प्रमुख संयुक्त निदेशक है। निदेशालय में उप क्षेत्रीय कार्यालय जैसे इलाहाबाद, रायपुर, देहरादून, रांची भुवनेश्वर, कोझीकोड, इंदौर, मदुरै, नागपुर, सूरत, शिमला हैं। जिनके प्रमुख उप निदेशक है।

ईडी का इतिहास –
ED प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना 01 मई, 1956 को की गई थी ,जब विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम,1947 (फेरा,1947) के अंतर्गत विनिमय नियंत्रण विधियों के उल्लंघन को रोकने के लिए आर्थिक कार्य विभाग के नियंत्रण में एक ‘प्रवर्तन इकाई’ गठित की थी।
इस इकाई का ‘प्रवर्तन निदेशालय’ के रूप में वर्ष 1957 में पुनः नामकरण कर दिया गया था तथा मद्रास में इसकी एक और शाखा खोली गई थी।
ईडी के अधिकार –
- ED प्रवर्तन निदेशालय को फेरा 1973 और फेमा 1999 यह दो अधिनियम के तहत भारत सरकार की सभी तरह की वित्तीय जांच करने का प्रवर्तन निदेशालय को अधिकार प्राप्त है |
- इसके अलावा ईडी को विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत सरकार ने उल्लंघन से निपटने की भी पूरी छूट दे रखी है।
- विदेश में किसी भी संपत्ति पर ईडी को कार्यवाही करके रोकथाम करने का भी अधिकार दिया गया है
- ईडी के पास मनी लांड्रिंग के आरोप में पाए गए लोगों के खिलाफ जब्ती, गिरफ्तारी और खोज करने का अधिकार भी है |
- ईडी के पास वित्तीय रूप से देश में गैर कानून हो रहे कार्य को लेकर उस पर कार्रवाई करने का भी अधिकार प्राप्त है |
ईडी प्रवर्तन निदेशालय का कार्य –
- (ED) प्रवर्तन निदेशालय मुख्य रूप से फेमा के प्रावधानों के संदिग्ध उल्लंघन की जांच व सूचना को प्राप्त करता है।
- यह लेन-देन से संबंधित जितने भी मामलों है उनकी पूरी जांचा करता है |
- ED फॉरेन एक्सचेंज से जुड़े सभी मामलों की जांच करता है |
- ईडी (Directorate of enforcement) विदेश में किसी तरह की कोई भी संपत्ति खरीदने पर उसकी जांच करता है।
- मुख्य रूप से ईडी फेमा उल्लेखन के तहत जो भी दोषी पाए गए है उन लोगों की संपत्ति को ED ज़ब्त कर सकता है |
भारत में भ्रष्टाचार को कम करने में ईडी की भूमिका –
भ्रष्टाचार को कम करने में ईडी की भारत में महत्वपूर्ण भूमिका हैं। यह एजन्सि अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करती हैं जिससे मनी शोधन और काले धन से जुड़े गंभीर मामलों में संलिप्त दोषियों के विरुद्ध निष्पक्ष जांच करती है और उन्हे कानून के अनुसार सजा दिलाती हैं।