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भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है | Bharat ka Rashtriya Khel kya hai Hindi mein
भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है | Bharat ka Rashtriya Khel kya hai Hindi mein – तो दोस्तों आज हम बात करेंगे इस आर्टिकल में भारत के राष्ट्रीय खेल के बारे में और जानने की कोशिश करेंगे कि भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है , तो दोस्तों अगर आप भी भारत के राष्ट्रीय खेल के बारे में जानने की इच्छा रखते है , तो फिर बने रहे हमारे साथ इस आर्टिकल के अंत तक , ताकि आपके ज्ञान में और भी ज्यादा वृद्धि हो और आप कुछ नए ज्ञान को प्राप्त कर सके और अपने इस ज्ञान का सही जगह इस्तेमाल कर सकें। तो चलिए दोस्तों अब हम बात करेंगे भारत के राष्ट्रीय खेल के बारे में और जानने की कोशिश करेंगे कि भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है :-
भारत का राष्ट्रीय खेल क्या है ?
तो दोस्तों जैसा कि हम सब जानते है कि भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल तो क्रिकेट ही है और शायद ही भारत के अंदर कोई ऐसे लोग होंगे जिन्हे क्रिकेट देखना पसंद नहीं होंगे लेकिन जिन लोगो को क्रिकेट देखना पसंद नहीं होता है उन लोगो को क्रिकेट खेलने में ज्यादा मजा आता है , इसलिए ये कहा जाता है कि भारत के अंदर शायद ही कोई क्रिकेट खेल को पसंद नहीं करता होगा और इस क्रिकेट को फैन फॉलोइंग को देखते हुए बहुत से लोग इस क्रिकेट खेल को ही भारत का राष्ट्रीय खेल समझते है।
दुनिया के लगभग सभी देशों ने किसी न किसी खेल को राष्ट्रीय खेल का दर्जा दिया हुआ है। अमेरिका में बेसबॉल को राष्ट्रीय खेल की मान्यता प्राप्त है वैसे ही जैसे भारत के अंदर क्रिकेट को पसंद किया जाता है उसी तरह बेसबॉल को अमरीका के अंदर बहुत पसंद किया जाता है। इस लिए अमरीका का राष्ट्रीय खेल बेसबॉल है। वही इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय खेल क्रिकेट है क्यों कि इन दोनों देशों में भारत ही की तरह क्रिकेट को पसंद किया जाता है।
लेकिन हॉकी खेल की सन 1928 से लेकर सन 1956 तक भारत ही की दुनिया भर के अंदर बादशाहत हुआ करती थी। इस दौर को भारत के अंदर हॉकी का स्वर्णयुग कहा जाता था। उसी समय हॉकी की लोक प्रियता भारत के अंदर इतनी बढ़ गई थी के लोगो ने इस हॉकी खेल को मौखिक तौर पर राष्ट्रीय खेल कहने लगे थे।
विस्तार से समझिए
दुनिया भर के अंदर भारत के हॉकी खेल की बादशाहत हुआ करती थी। इस दौर को भारत के अंदर हॉकी का स्वर्णयुग कहा जाता था। उसी समय हॉकी की लोक प्रियता भारत के अंदर इतनी बढ़ गई थी के लोगो ने इस हॉकी खेल को मौखिक तौर पर राष्ट्रीय खेल कहने लगे थे। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। क्यों कि हम आपको बताते चलें कि देश के आज़ाद होने से लेकर के अभी तक 75 साल हो गए है लेकिन भारत का अभी भी कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है।
एक समय में सुप्रीम कोर्ट में भी इस हॉकी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले वकील से खा था कि :- “आपका उद्देश्य अच्छा हो सकता है , लेकिन हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते ना ही ऐसा कुछ आदेश दें सकते है और अगर आप चाहे तो इस सम्बन्ध में सरकार को ज्ञापन दें सकते है।” और ये कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को रद्द कर दिया था। और आज भी हमारे देश का कोई भी राष्ट्रीय खेल नहीं है। बल्कि सरेस खेल को सरकार मान्यता देती है और समर्थन भी करती है।
“हाँ” वो अलग बात है कि अपने भी और हमने खुद भी ये स्कूल , कॉलेज और इंटरनेट तथा सोशल मीडिया पर पढ़ा हुआ हैं कि भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। क्यों कि हाल ही में खेल मंत्रालय से सवाल पूछा गया था कि भारत का राष्ट्रीय खेल कौन सा है , तो फिर खेल मंत्रालय से जवाब आया था कि अभी तक भारत का कोई भी राष्ट्रीय खेल नहीं है और ना ही अभी तक खेल मंत्रालय ने किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित किया है। इसके आगे खेल मंत्रालय ने बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि हम अभी सभी खेलों को बढ़ावा देना चाहते है यही कारण है की अभी भारत का कोई भी राष्ट्रीय खेल नहीं है।
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भारत में हॉकी का बेताज बादशाह किसे कहा जाता है ?
हॉकी खेल की सन 1928 से लेकर सन 1956 तक भारत ही की दुनिया भर के अंदर बादशाहत हुआ करती थी। इस दौर को भारत के अंदर हॉकी का स्वर्णयुग कहा जाता था।
हॉकी खेल का इतिहास क्या है ?
मौजूदा हॉकी की शुरुआत 18वीं सदी में हुई है लेकिन इस हॉकी खेल का इतिहास और भी पुराना है , सम्भवता: हॉकी की शुरुआत 1527 ईस्वी में स्कॉटलैंड से हुई थी। इसके अलावा और भी इस खेल से जुड़े रिकॉर्ड बतातें है कि इस खेल की शुरुआत मिस्र देश से हुई है।
हॉकी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित करने के लिया क्या किया गया था ?
एक समय में सुप्रीम कोर्ट में भी इस हॉकी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित करने के लिए एक याचिका दायर की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले वकील से कहा था कि :- “आपका उद्देश्य अच्छा हो सकता है , लेकिन हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते ना ही ऐसा कुछ आदेश दें सकते है और अगर आप चाहे तो इस सम्बन्ध में सरकार को ज्ञापन दें सकते है।” और ये कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को रद्द कर दिया था। और आज भी हमारे देश का कोई भी राष्ट्रीय खेल नहीं है। बल्कि सारे खेल को सरकार मान्यता देती है और समर्थन भी करती है।