मुश्किलों में फंसती जा रही शिक्षा-प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू के कर्जदाताओं ने 1.2 अरब डॉलर के कर्ज की शर्तों में तीन अगस्त तक बदलाव करने पर सोमवार को सहमति जताई. कर्जदाताओं की संचालन समिति में बायजू के ऋण को संशोधित करने पर सहमति जताई गई. ऐसा होने पर कर्ज की त्वरित अदायगी से जुड़ा मामला और सभी कानूनी विवादों का भी तत्काल समाधान हो जाएगा.
हालांकि इस बारे में टिप्पणी के लिए भेजे गए ईमेल का बायजू की तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है. कर्जदाताओं की संचालन समिति में शामिल पक्षों का बायजू पर बकाया 1.2 अरब डॉलर के कर्ज में करीब 85 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
कर्जदाताओं ने एक बयान में कहा, ‘हम एक कर्ज संशोधन की दिशा में बायजू के साथ हुई प्रगति से खुश हैं. यह घोषणा बायजू प्रबंधन के साथ मिलकर काम करने के हमारे घोषित लक्ष्य के अनुरूप है.’ बयान के मुताबिक, अगले दो हफ्तों में कर्ज संशोधन पूरा हो जाने की उम्मीद है.
बायजू की वित्तीय समस्या पिछले कुछ महीनों में बढ़ गई है। सावधि कर्ज देने वाली फर्मों की तरफ से जीएलएएस ट्रस्ट कंपनी ने बायजू की अमेरिकी अनुषंगी के खिलाफ मुकदमा भी दायर कर दिया है.
मुश्किलें बढ़ती देख बायजू प्रबंधन ने एक सलाहकार परिषद भी बनाई है जिसमें एसबीआई के पूर्व प्रबंध निदेशक रजनीश कुमार और इन्फोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी टी वी मोहनदास पई भी शामिल हैं.